मेहंदीपुर बालाजी (दौसा) राजस्थान – Mehandipur Balaji rajasthan
मेहंदीपुर बालाजी राजस्थान के दौसा जिले की सिकराय तहसील मे दो पहाड़ों के बीच स्थित एक विश्व प्रसिद्ध स्थान है, जिसे प्रसिद्धी श्री घाटा मेहंदीपुर बालाजी की वजह से मिली है । यह स्थान भूत – प्रेत जैसे संकट के निवारण का स्थान है, यहाँ ऐसे मानसिक बीमारियों से ग्रसित लोग अपने संकट से मुक्ति पाते है । मेहंदीपुर बालाजी के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान आज से कुछ साल पहले राजस्थान मे एक वीरान जंगल हुआ करता था, जंगल से एक विशिष्ट स्थान के रूप मे तब्दील होने का एक लंबा इतिहास है । यह स्थान जयपुर से लगभग 110 किलोमीटर, दिल्ली से 265 किलोमीटर और आगरा से 221 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मेहंदीपुर बालाजी (दौसा) राजस्थान | |
प्रमुख स्थान | बालाजी सरकार, प्रेतराज, भैरव बाबा |
वर्तमान महंत | डा.नरेश पुरी जी महाराज |
पूर्व महंत | श्री किशोर पुरी जी महाराज |
दर्शन के लिए समय सूची | |
सुबह की आरती | 06:00 बजे से 06:40 बजे तक |
प्रातः कालीन दर्शन | 07:00 बजे से 11:00 बजे तक |
श्री बालाजी सरकार के लिए राजभोग | 11:30 बजे से 12:00 बजे तक |
दोपहर के दर्शन | 12.00 बजे से 6.50 तक (नोट: सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को श्री बालाजी के विशेष श्रृंगार (चोला चढाने) हेतु सांय 4:00 बजे से 6:00 बजे तक दर्शन बंद रहते हैं) |
शाम की आरती | 06:50 बजे से 07:30 तक |
मंदिर के कपाट बंद होने का समय | रात 09:00 बजे |
नोट : विशेष परिस्थितियों मे इस समय सूची मे बदलाव किया जा सकता है, इसकी सुचना मंदिर परिसर मे माईक द्वारा दी जाती है । |
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
भूत – प्रेत जैसे संकट के निवारण स्थान के रूप मे विश्व प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर लगभग 100 वर्षों से भी अधिक पुराना है । यह एक बहुत ही चमत्कारिक तीर्थस्थल है जो दुनिया के उन कुछ रहस्यमयी मंदिरों में शामिल है जिनकी कृपा और लीलाओं को देखकर वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी अचंभित हैं और काफी अध्ययन व शोध करने के बाद भी वह इसके रहस्य को नहीं जान पाए हैं । यह स्थान श्री मेहंदीपुर बालाजी और घाटा मेहंदीपुर बालाजी धाम के नाम से विश्व प्रसिद्द है ।
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मेहंदीपुर बालाजी इतिहास
बालाजी का इतिहास लगभग कई सैकड़ों वर्षों पुराना है, ऐसी मान्यता है की बालाजी महाराज (हनुमान जी ) सैकड़ों वर्षों पहले यहाँ दो पहाड़ीयो के मध्य बाल रूप मे साक्षात प्रकट हुए थे । यहाँ प्रकट होने से पहले उन्होंने गोसाई जी को स्वप्न मे दर्शन दिए और इस स्थान के बारे मे बताया । फिर गोसाई जी ने वहाँ जाकर इस स्थान को खोज निकाला और आस पास के लोगों को एकत्रित किया और यहाँ पूजा शुरू की । श्री बालाजी महाराज जी के प्राकट्य के बाद से गोसाई जी की लगभग पिछली 15 पीढ़ियों ने उनकी समर्पित सेवा की परम्परा को नियमित बनाए रखा है।
Mehandipur Balaji Rajasthan Location
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